एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन में कोम्प्यूटर पर साड़ी, ड्रेस, कुर्ती, चनिया चोली, शेरवानी जेसे गारमेन्ट का और हेंडलूम की प्रोडक्ट जैसे की बेडशीट, चद्दर, सोफा कवर, पडदे के फेब्रिक्स में एम्ब्रोइडरी वर्क की डिज़ाइन बनाई जाती है |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन कोर्ष कोई भी सिख सकता है क्योंकी डिज़ाइन को कोम्प्यूटर पे ही बनाना होता है और आज के समय में कोम्प्यूटर पे काम करना और सिखना सरल हो गया है |
एम्ब्रोइडरी यानि कपडे पे धागों से जो वर्क करते है उसे एम्ब्रोइडरी कहते है | एम्ब्रोइडरी को गुजरात में भरतकाम से भी जाना जाता है | सदीओ से हम कपडे पे भरतकाम, जरदोशी, चिकन जैसे कई प्रकार के हेंड वर्क करते आये है | यह सभी हेंड वर्क साड़ी, ड्रेस, कुर्ती, शेरवानी जेसे भारतीय पोशाक में चार चाँद लगा देते है | इस में से एम्ब्रोइडरी वर्क की डिमान्ड देश और विदेशो में भी बहुत है |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन वर्क की मांग को पूरा करने के लिए मशीन का उपयोग करते है | इस से प्रोडकशन जल्दी निकलता है और व्यापारीओ की मांगे भी जल्दी पूरी हो जाती है | आज अपनी सूरत की एम्ब्रोइडरी इंडस्ट्रीज में साडी, ड्रेस, कुर्ती, चनिया चोली, शेरवानी जैसे गारमेन्ट और हेंडलूम की प्रोडक्ट जैसे की बेडशीट, चद्दर, सोफा, कवर, पडदे में एम्ब्रोइडरी वर्क किया जाता है I
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन यानि प्लेन कपडे पर भरत काम करने की एक अदभुत कला की जिससे एक प्लेन कपड़ा भी सुन्दर दिखने लगता है | एम्ब्रोइडरी वर्क करने में हररोज नई-नई डिज़ाइन की जरूरत रहती है |
आप जो गारमेंट देख रहे हो, इसमें जो वर्क दिख रहा है उसी को एम्ब्रोइडरी वर्क कहा जाता है | इसमें पहले कपडे पे वर्क किया जाता है और उसके बाद गारमेंट तैयार किया जाता है | डिज़ाइन बनाने के बाद एम्ब्रोइडरी मशीन में डिज़ाइन लगाया जाता है, उसके बाद कपडे पर वर्क होता है | कोम्प्यूटर पर डिज़ाइन बनाने के बाद प्रोडक्शन भी जल्दी निकलता है | इसी लिए आज के समय में एम्ब्रोइडरी वर्क १०० % कोम्प्युटराईज किया जाता है |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन की जॉब स्मार्ट और एकदम व्हाइट कालर जॉब कही जाती है | उसमे ऑफिस में बैठ के कोम्प्यूटर पर ही डिज़ाइन बनाई जाती है |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन में जॉब तुरंत ही मिल जाती है और अनलिमिटेड तक रहती है और रहेगी |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन में आप लोकल मार्किट, डोमेस्टिक मार्किट, इन्टरनॅशनल मार्किट यानि की दुनिया के किसी भी कोने में काम कर सकते हो | एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन में अनलिमिटेड जॉब रहती है और तो और दिन ब दिन उसकी डिमाण्ड बढ़ रही है | डिज़ाइन एम्ब्रोइडरी के पाया की जरूरियात है | जैसे जैसे फेशन का ट्रेंड बढ़ता है, वैसे वैसे डिज़ाइनर की डिमान्ड बढ़ती रहती है | इसी लिए एम्ब्रोइडरी डिज़ाइनर की डिमान्ड हंमेशा से रही है और आगे भी रहेगी ये पक्का है | इसका कारण है की आज कल फेशन मार्किट बहुत ही विशाल है और आज के जनरेशन में फेशन का शोख दिन – प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन में आप महीने में 12000 से 60000 और उससे भी जयादा सेलेरी ले सकते हो I डिज़ाइन सिखने में केवल 3 महिना जितना ही समय लगता है और उसकी फ़ीस भी बहुत ही नार्मल होती है |
डिज़ाइन के फिल्ड में केवल मानसिक, शारीरिक और समय का इन्वेस्टमेंट करके हर महीने लाखो, करोडो रुपये कमा सकते हे | मनीष मल्होत्रा, नीता लुल्ला, अर्चना कोचर ये सब डिज़ाइनर आज के समय में लाखो – करोडो कमा भी रहे है |
अगर आपको नोकरी के बजाई अपना खुद का बिजनेस शुरू करना हो तो केवल 25 हजार जितनी रकम से भी आप अपना बिजनेस शुरु कर सकते हो क्योंकी आपको नोलेज के साथ केवल एक कोम्प्यूटर की ही जरूरत होती है, बाद में आप अपनी जरुरीयात के मुताबिक और इन्वेस्टमेंट करके बिजनस डेवलोप कर सकते हो |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन कोई भी छात्र – छात्राए, लड़के – लड़किया, बिजनेस मेन, नोकरी करनेवाले कोई भी सिख सकते है | इसमें अभ्यास की जरूरत नहीं होती, आप में क्रिएटिविटी (स्किल) हो तो पढ़ाई की भी जरूरत नहीं होती | मार्किट में कई ऐसी कंपनीज है, जिसको आपकी डिज़ाइन का महत्व होता है, नहीं के आपके अभ्यास का | ऐसी कंपनी में आप जल्दी से अपना प्रोग्रेस कर सकते हो |
एम्ब्रोईडरी डिज़ाइन में आप पार्ट टाइम, फुल टाईम, घर पे बेठ के या तो अपनी ऑफिस यानि की आपका अपना बिजनेस करके अपनी मर्जी के मुताबिक भी आप काम कर सकते हो |
एम्ब्रोइडरी डिज़ाइन को आप अपना करियर फिल्ड फिक्स करके फुल टाइम काम कर सकते हो |
अगर कोई छात्र हे तो वो अभ्यास के साथ-साथ पार्ट टाइम काम करके पढ़ने के साथ अच्छी सी पॉकेट मनी भी निकाल सकता है |
नोकरी करनेवाला व्यक्ति भी अपनी फिल्ड के साथ-साथ या तो फिर उसे छोड़कर अपनी पसंदीदा फिल्ड में जा कर जॉब कर सकता हैI
व्यापारी भी अपने बिजनेस के डेवलोपमेंन्ट के लिए डिज़ाइन सिखते है | उसके पास डिज़ाइन बनाने का समय नहीं होता है लेकिन डिज़ाइनर के पास से किस तरह से काम लेना है, या तो फिर मार्किट में क्या नया क्रिएशन देना है, मार्किट में चल रहे न्यू फेशन ट्रेंड को गहेराइ से समजने के लिए डिज़ाइन सिखते है और फिर डिज़ाइनर के पास से काम लेते है |
3 महिना (हररोज 2 घंटा)
+
२ महिना (हररोज ८ घंटे)
मशीन के प्रकार ( मल्टी, सिकवन्स, कोरडीन, चेइन )
मारुती इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन स्टुडन्ट को 100% ट्रेनिंग गेरंटी दी जाती है I हमारी संस्था ट्रेनिंग की गारंटी इस लिए देती है, की मार्किट में एम्ब्रोइडरी डिज़ाइनर की फुल डिमान्ड रहती है I
किसी भी स्टुडन्ट का कोर्ष सीख जाने के बाद काम करने के लिए प्लेटफार्म मिलना जरूरी होता है I प्लेटफार्म मिलने के बाद भी काफी सारी तकलीफे आती है I उसी वक्त सपोर्ट की जरूरत होती है I एक बार कम्प्लीट डिज़ाइनर बनजाने के बाद भी मार्किट में बहुत सारे नए कन्सेप्ट आते रहते है I कई बार ऐसा होता है की कुछ कन्सेप्ट समज में नहीं आ रहे है, तब वो जानने के लिए सपोर्ट (साथ–सहकार) की जरूरत रहती है I मतलब की जब कभी स्टुडन्ट को डिज़ाइन के बारे में या जॉब के रिलेटेड कभी भी हेल्प की जरूरत हो तब हमारी संस्था सपोर्ट करने के लिए हमेशा तैयार रहती है I
कोई भी गांव, शहर और राज्य यानी की दूर से आने वाले विद्यार्थी के लिए मारुती इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन के द्वारा हॉस्टेल की सुविधा भी प्रदान की जाती है जिससे दूर से आने वाले विद्यार्थी यह कोर्ष सीख सके और अपना उज्जवल भविष्य बना सके।